मुझे सीखना है
बागों के उन गुलाबों की तरह महकना
सूरज मुखी की तरह मुस्काना
खलिहानों की तरह हरियाली बिखेरना
वृक्षों की तरह छाँव देना
मुझे सीखना है
चिड़ियों की तरह मधुर वाणी में गाना
पखेरू की तरह हवा की लहर सा उड़ जाना
हवा की तरह शीत लगर फैलाना
बादल की तहर मंडराना
मुझे सीखना है
सूरज की तरह तेज बिखराना
चंद्रमा की तरह अँधियारा को उज्जवल करना
तारों की तरह टिमटिमाना
आकाश की तरह छा जाना
मुझे सीखना है
बूंदों की तरह चमकना
झरनों की तरह रस बरसना
नदिया की तरह बहे जाना
सागर की तरह गहरा होना
मुझे सीखना है
बगीचों की तरह फल देना
खेतों में बोये बीजों की तरह नव जीवन उगाना
जंगलों की तरह हरा भरा हो जाना
धरती की तरह अपनी गोद में सब को सुलाना
मुझे सीखना है
दिशाओं की तरह रास्ता दिखाना
राहों की तरह मंजिल पे पहूंचना
शिखरों की तरह बुल्लंद होना
हिमनद की तरह शांत सोना
मुझे सीखना है
तुम्हारे अस्तित्व से अपने अस्तित्व को उबरना
पञ्च तत्वों से जीवन को संवारना
अपने सत्य को पहचान पाना
जीवन के हर उपहार को सराहना
मुझे सीखना है
हर उस मद से जो तुम्हारी रचना है
हर जीव, जयन्तु,
हर जल, थल, पृथ्वी और आकाश से
हर तेज और हर प्रकाश से
ये ही हैं जीवन का सार
जो मेरे जीवन को जीव योग्य बना सकते हैं.
और मुझे पुन: तुम से मिला सकते हैं.